हमारे समाधान

 

फ़ैज़ाने रूहानी बीमारों को सेहतयाब

गमगिनों को खुशहाल 

बेदिनो को दीनदार

और झूँटो को हक़ पर

और इसलिए आप की इस हैसियत की बीना पर आपको मसीहा ए दौर कहा जाता है|

तारिक़ फ़ज़ाओ में भटकने वाले इधर उधर भटकने के बाद खुश किस्मती से जब हज़रत बाबा साहब के पास दुआओ के लिये पहुँचते है और उनके कदमो की खाक अपने सर पर लगा लेते है तो उनके रास्ते ही नहीं दिल भी जगमगा उठते है |

 
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