पैग़ाम

रामप्रसाद बी. सोलंकी


मुख्या न्यायिक मजिस्ट्रेट
मंदसौर

हज़रात बाबा साहब द्वारा महू - नीमच राजमार्ग पर सोनगिरी खानकाह में पीठासीन होते हुए जनमानस पर अपनी परमास्था स्थापित की है | आपके आशीर्वाद प्राप्ति हेतु अनेक प्रशासकीय, सामाजिक, राजनितिक, एवं प्रबुद्ध व्यक्ति प्रायः आगमन करते रहते है | हमें भी आपके दिव्या स्वरुप के दर्शन करने का आशीर्वाद प्राप्ति के स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुए हैं |
आपके पवित्र एवं सिद्ध स्थान पर मध्यप्रदेश के अनेक दुरदुरस्थ जिलो यथा-सागर आदि से विभिन्न धर्मो के पीड़ित अपनी बाह्य पीड़ा ( हवा ) के निदान हेतु उपस्थित हते हैं एवं बाबा साहब की दिव्या दृष्टि से स्वास्थय लाभ प्राप्त करते हैं |
बाबा साहब की यह माननीय सेवा स्तुत्य है |


उदयसिंह बहरावत

जिला न्यायाधीश
अध्यक्ष - जिला उपभोक्ता
संरक्षण पीठ, मंदसौर

अज़ीम बुजुर्ग हस्ती हज़रत बाबासाहब छोटे स्थल "खानकाह सोनगिरी, लाल कुआँ (मंदसौर)" में पीड़ित और परेशान लोगों की बिना आडम्बर और बिना भेंट के निःस्वार्थ सेवा कर रहे है , वह नन्दनिया है |
आपके दरबार में पीड़ित और परेशान लोगों की लाइलाज बीमारी से छुटकारा पाते हुए मैंने स्वयं प्रत्यक्षा देखा है | शुभकामनाओ सहित |


डॉ. राहत इन्दौरी

इंदौर

हिंदुस्तान के दुसरे सूबों और इलाकों की तरह मध्यप्रदेश को भी औलिया अल्लाह और बुज़ुर्गाने दीन के मसकन होने का शरफ़ हासिल है |
यहाँ सैकड़ो की तादाद में मसरूफ़ साहेबाने निस्बत और साहेबे इज़ाज़त एहले अल्लाह ख्वाबनशी हैं |
मंदसौर के पास सोनगिरी के मुकाम पर हज़रत बाबा साहब की ज़ातेवाला सिफ़ात किसी ताअर्रूफ़ की मोहताज़ नहीं | हजारों दिलो पर आपकी अकीदत की मोहर लगी हुई है | हजारों है जो आपको फ्युजों बरकत से फायदा उठा चुके हैं और यह सिलसिला जारी हैं |
आपकी शख्सियत बहुत ही मोहतरम और रूहानी हैं | आपकी अखलाकी और रूहानी सख्सियत की रौशनी से यह सारा इलाका रौशन और मुनव्वर नज़र आता है |
हज़रत बाबा साहब की जिन्दगी के वाकेयात और उनकी करामत के बारे में सुनकर अंदाज़ा होता है के वह किस कदर बुलंद पाय के बुजुर्ग हैं और किस तरह उन्होंने बिला तफरीक मज़हबो मिल्लत अपने करीब आने वाले हर शख्स को फराग होस्लागी से फैज़ पहुँचाया हैं |
इश्के इलाही में मस्तो सरशार रहने वाले इन खुदा रशीदा बुजुर्गो जिनका शेआर तवक्कलो किनाअत, उम्मीदों बीम, मोहब्बतों अखुवत, खूलुसो खिदमत, फ़िक्रो इसरो इस्तेकामात रहा हैं | 
हज़रत बाबा साहब इन बुजुर्गाने दीन की बेश्बः नजीर है और निशानी है उनकी जिन्होंने दीन को रूहानियत के ख़ज़ाने से मालामाल किया है |


डॉ.बशीर बद्र

भोपाल

हमारे देश हिंदुस्तान की मज़हबी तारीख क़रीब क़रीबदस हज़ार साल पुराणी है | इसके सबूत में हज़रत शीज़ (अ.) का मजार कुरान और भगवत गीता है |
यहाँ हमेशा से ऋषियों मुनियों और अवतारों ने अल्लाह की बने दुनिया को बेहद नेएमत, मोहब्बत और भाई चारे का सबक दिया |
उन्ही की मेहरबानियों और रहमो करम के अनगिनत वाकात किताबी शक्ल में मौजूद हैं और यह सिलसिला आज भी जारी व सारी है |
हज़रत उसी सिलसिले की एक कड़ी हैं | मुझे उनकी बारगाह में हाज़िर होने का शरफ़ तो अभी तक नहीं मिला है जो लोग बिना मज़हबो मिल्लत के फ़र्क के हज़रत के करम से फायदा उठा चुके है उनसे हज़रत बाबा साहब के बारे में सुनकर दिल में हज़रत की बारगाह में हजीर होने का शौक पैदा हुआ |
इंशाल्लाह बहुत जल्द अपनी मसरुफियात के बावजूद हाज़िर होकर उनके दर से फायदा उठाऊंगा |
हज़रत के वाकेआत और करामात को उनके चाहनेवाले एक किताब की सूरत में यकजा कर रहे हैं | यह कुछ कतरे हज़रत के लिए पेश हैं |
गर कूबुल उफ्तद ज़हे इज्जो शरफ़


साहिर अफ़गानी

जावरा

हमारा मुल्क भारत सदियों से अपनी तहज़ीब और अज़ीम ब्रादरान रिवायत के साथ-साथ रूहानियत का गहवारा रहा है | इस सिलसिले में कुछ लिखना आसन नहीं | इस महान देश में साधू - संत और सूफियो ने मोहब्बत और इंसानियत की अटूट रिवायत को काइम रखा है और सारी दुनिया के साथ मेहरबानी और मोहब्बत का बर्ताव किया | उन्होंने बेकसों, हाज़तमंदों  और बीमारों की हाज़त रवाई और शिफयाबी की, दुआओं के साथ नवाज़ा |
यही सबब हैं के उनके दर पर हर रोज़ दुखियो, बिमारोन का हुजूम रहता है |  हज़रत भी इसी सिलसिले की एक कड़ी हैं | आपके लुतफो करम का पूरा हाल लिखने के लायक कलम नहीं हैं | फिर भी हर दिन देश के कोने कोने से हाज़तमंद आप के दर पर हाजरी देकर दिली मुरादे पाते हैं |
आपके बारे में एक किताब 'जिया-ए-तसव्वुफ़' के नाम से चाप रही है जिसमे हज़रात बाबा साहब के पुरे हालात मौजूद है |
मेरी दुआ है के इस को पड़कर खुदा के बन्दे, जो किसी भी मुसीबत का शिकार हो उनके पाक दरवाजे पर हाज़िर होकर हज़रत की मेहरबानी से फायदा उठाएंगे


पिछला 1 2 3 4 5 6 अगला

 
Visitor No.